Below you can find the 20 Chanakya Niti that gives life lesson and help in understanding what is life.
निचे २० चाणक्य निति दिए गए है जिसका उपयोग करके आप जीवन में सफल हो सकते है, अगर आपको ये चाणक्य निति पसंद आते है तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।
ईश्वर मूर्तियों में नहीं है। आपकी भावनाएँ ही आपका ईश्वर है। आत्मा आपका मंदिर है।
गरीब धन की इच्छा करता है, पशु बोलने योग्य होने की, आदमी स्वर्ग की इच्छा करते हैं और धार्मिक लोग मोक्ष की।
शत्रुओं से अपने राज्य की पूर्ण रक्षा करें।
जैसे एक बछड़ा हज़ारो गायों के झुंड मे अपनी माँ के पीछे चलता है। उसी प्रकार आदमी के अच्छे और बुरे कर्म उसके पीछे चलते हैं।
विद्या को चोर भी नहीं चुरा सकता।
सबसे बड़ा गुरु मंत्र, अपने राज किसी को भी मत बताओ। ये तुम्हे खत्म कर देगा।
संकट में बुद्धि भी काम नहीं आती है।
जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए। समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं।
कच्चा पात्र कच्चे पात्र से टकराकर टूट जाता है।
किसी भी कार्य में पल भर का भी विलम्ब ना करें।
पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं, जैसे एक अंधे के लिए आइना।
जो जिस कार्ये में कुशल हो उसे उसी कार्ये में लगना चाहिए।
दुर्बल के साथ संधि ना करें।
संधि करने वालों में तेज़ ही संधि का होता है।
किसी विशेष प्रयोजन के लिए ही शत्रु मित्र बनता है।
एक राजा की ताकत उसकी शक्तिशाली भुजाओं में होती है। ब्राह्मण की ताकत उसके आध्यात्मिक ज्ञान में और एक औरत की ताक़त उसकी खूबसूरती, यौवन और मधुर वाणी में होती है।
आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मों से महान होता है।
एक समझदार आदमी को सारस की तरह होश से काम लेना चाहिए और जगह, वक्त और अपनी योग्यता को समझते हुए अपने कार्य को सिद्ध करना चाहिए।
संधि और एकता होने पर भी सतर्क रहें।
आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है। अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें, वह सदा दुःख ही देता है।
निचे २० चाणक्य निति दिए गए है जिसका उपयोग करके आप जीवन में सफल हो सकते है, अगर आपको ये चाणक्य निति पसंद आते है तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।
Chanakya Niti
गरीब धन की इच्छा करता है, पशु बोलने योग्य होने की, आदमी स्वर्ग की इच्छा करते हैं और धार्मिक लोग मोक्ष की।
शत्रुओं से अपने राज्य की पूर्ण रक्षा करें।
जैसे एक बछड़ा हज़ारो गायों के झुंड मे अपनी माँ के पीछे चलता है। उसी प्रकार आदमी के अच्छे और बुरे कर्म उसके पीछे चलते हैं।
विद्या को चोर भी नहीं चुरा सकता।
सबसे बड़ा गुरु मंत्र, अपने राज किसी को भी मत बताओ। ये तुम्हे खत्म कर देगा।
संकट में बुद्धि भी काम नहीं आती है।
जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए। समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं।
कच्चा पात्र कच्चे पात्र से टकराकर टूट जाता है।
किसी भी कार्य में पल भर का भी विलम्ब ना करें।
पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं, जैसे एक अंधे के लिए आइना।
जो जिस कार्ये में कुशल हो उसे उसी कार्ये में लगना चाहिए।
दुर्बल के साथ संधि ना करें।
संधि करने वालों में तेज़ ही संधि का होता है।
किसी विशेष प्रयोजन के लिए ही शत्रु मित्र बनता है।
एक राजा की ताकत उसकी शक्तिशाली भुजाओं में होती है। ब्राह्मण की ताकत उसके आध्यात्मिक ज्ञान में और एक औरत की ताक़त उसकी खूबसूरती, यौवन और मधुर वाणी में होती है।
आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मों से महान होता है।
एक समझदार आदमी को सारस की तरह होश से काम लेना चाहिए और जगह, वक्त और अपनी योग्यता को समझते हुए अपने कार्य को सिद्ध करना चाहिए।
संधि और एकता होने पर भी सतर्क रहें।
आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है। अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें, वह सदा दुःख ही देता है।