ना वक्त इतना कि सिलेबस पूरा किया जाये ,
ना तरकीब कोई कि exam पास किया जाये ,
ना जाने कौनसा दर्द दिया है इस पढाई ने ,
ना रोया जाये और ना सोया जाये .
पिताजी - इतने कम मार्क्स ?? दो थपड़ लगाने चाहिए .
बेटा - हाँ पापा , मैंने तो उस कमीने टीचर का घर भी देख लिया हैं .
आप सभी को यह सुचित किया जाता है कि “रिझल्ट आ गया है”
इसलिए घर में रखे चप्पल, जाडु, जुते, बेल्ट, बेलन को छुपा दें ।
FATHER : तुम्हारा Result Score इतना कम क्यों है ।
SON : Absence था ।
FATHER : पर तुम तो रोज Exam देने जाते थे ।
SON : हां, में नहीं… मेरे बाजु में जो बैठता था न वो Absence था ।
पढ़ाई सिर्फ दो वजह से होती है”…?
एक शौक से और दूसरा खौफ़ से।
फालतू के शौक हम रखते नहीं”…..
और खौफ़ तो हमें किसी के बाप का भी नहीं।
बाप : तुम्हारा Result क्या आया ?
बेटा : वो हेडमास्टर साहब का बच्चा Fail हो गया ।
बाप : तुम्हारा Result क्या आया ?
बेटा : वो डॉक्टर साहब का बेटा Fail हो गया ।
बाप : तुम्हारा बताओ ?
बेटा : वो प्रोफेसर साहब का बेटा भी Fail हो गया ।
बाप (गुस्से में) : बेवकूफ तुम्हारा बताओं, मैं तु्म्हारा पूछ रहा हूँ, Result क्या आया ?
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बेटा : तूम कौन-सा खेत का मूली हो जो तुम्हारा बेटा पास हो जायेगा ।
नौकर - साहब आपका कुत्ता तो आदमी जैसा दिखता है .
साहब - कमीने , ये कुत्ता नहीं , मेरा बेटा है ,CA कर रहा है .
अभी exam चल रहे हैं .
हम जीते एक बार हैंमरते एक बार हैं”…..
प्यार भी एक बार करते हैं”…
शादी भी एक बार ही करते हैं”…
तो फिर ये EXAMS बार-बार क्यों?
जागो स्टूडेंट्स (Students) जागो…!!!
बाप – इतने कम मार्क्स ,
दो थप्पड़ मारने चाहिए ,,
पप्पू – हाँ पापा जल्दी चलो
मैंने उस साले मास्टर का घर भी देख रखा है
जब Question पेपर हो आउट ऑफ़ कंट्रोल”….
आंसर शीट को करके फोल्ड”…
एयरोप्लेन बना के बोल”….
भैया “आल इज़ फेल।”
बुक खुलती है , exam का शमा होता है ,
ऐसे मौसम में ही तो दिमाग तबाह होता है ,
बुक की बातें दिमाग तक नहीं आती ,
फ़साना तो मार्कशीट से बयां होता है .
एक औरत बच्चे को सुला रही थी
औरत – सो जा डिप्लोमा सो जा
संता – ओ ताई तू ये
बच्चे को डिप्लोमा क्यों कह रही है
औरत – अरे ये डिप्लोमा ही तो है
संता – कैसे ?
औरत – हमारी बेटी शहर डिप्लोमा लेने गयी थी
ये लेके आयी इसलिए यही डिप्लोमा है ? ?
परीक्षा का Result आया और पप्पु की गर्लफ्रेन्ड पप्पु के पास आकर जोर से रोने लगी…
पप्पु – “अच्छा अब रो मत, ये बता कितने Percent आये ?”
Girlfriend – “90% आये”
पप्पु – “भगवान से डर कमीनी, इतने में तो 2 लड़के पास हो जाते…”
जो Student पास हो जाये उन्हें CONGRATULATION,
और
जो Student फेल हो जाये उन्हें तो Double CONGRATULATION,
Becoz…
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अब उनकी Class में नई-नई लड़कियाँ होगी ।
Moral : Fail होने पर कोई नुकसान नहीं होता ।
हर तरफ पढ़ाई का साया है”…
हर पेपर में जीरो आया है”…
हम तो यूहीं चले जाते हैं बिना मुंह धोये ही”….
और लोग कहते हैं”….
‘साला रात भर पढ़कर आया है।’
जाट – बापू मैं तेरा बड़ा ध्यान रखता हूँ
बापू – मुझे पता है पुत्तर
जाट – बापू तूने बोला था ना कि
12 वीं में पास होने पे तुझे बाइक दिलाऊंगा
बापू – हाँ कहा तो था
जाट –
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ले तो पैसे बच गए तेरे ? ?
बापू ने फिर लट्ठ से मार लगायी ?
लम्हा लम्हा वक्त गुजर जायेगा ,
चंद लम्हों में exam आ जायेगा ,
अभी भी वक्त है , दो लाइन पढ़ लो ,
वरना पास क्या मुन्ना भाई करवायेगा .
लड़के का पिता अपने लड़के को बेदम मार रहा था…
पडोसी: क्यों मार रहे हो इतना, क्या हुआ??
लड़के का पिता: कल सुबह इसका परीक्षा का रिजल्ट आनेवाला है…
भाई मैं कल अपने गाँव जा रहा हूँ…
exam के 4 दिन पहले सिलेबस देखा तो याद आया ,
कुछ तो हुआ है , कुछ हो गया है ,
exam के दिन पेपर देख कर याद आया ,
सब कुछ अलग है सब कुछ नया है .
हम सिर्फ यह सोच कर अपनी Answer Sheet खाली छोड़कर आया करते थे कि कहीं Teacher ये ना कहे दे कि…
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देखो आज-कल के बच्चे बड़ो को जवाब देने लग गये है ।
You know संस्कार !
गुजरे हुए Exam को याद मत करना,
Answer sheet में जो लिखा है, उसकी फरियाद मत करना,
जो होगा वो होगा…
उसकी फिकर में अपना Holidays बर्बाद मत करना…
अगर प्रशन पेपर मुश्किल लगे,
या समझ में ना आये तो”…
एक गहरी सांस लो”….और जोर से चिल्लाओ,
“कमीनों, फेल ही करना है तो परिक्षा ही क्यों लेते हो।
एक लड़की का पढाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था
लड़की पास होने के लिए
प्रोफ़ेसर के कमरे में गयी,
लड़की – सर मैं पास होने के
लिए कुछ भी कर सकती हूँ,
प्रोफ़ेसर – कुछ भी ?
लड़की – जी , हाँ कुछ भी……….
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प्रोफ़ेसर – तो पढ़ ले बेटी ? ?
और आपकी सोच को भी 21 तोपों की सलामी ?
एक खूबसूरत लड़की अपने बॉयफ्रेंड के साथ घूम रही थी
माँ ने उसे बाजार में देख लिया ,
घर आते ही माँ ने बेटी को गुस्से में फोन किया
माँ – बेटी कहां है तू ?
बेटी – माँ मैं तो परीक्षा देने आई हुई हूँ
माँ गुस्से से लाल होके बोली –
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परीक्षा ध्यान से देना बेटी ,
इस परीक्षा का परिणाम नहीं आना चाहिए ? ?
अभी तो exam का साया है ,
exam के दिनों में सुख किसने पाया है ,
दुनियाँ वाले कहते हैं अच्छे नंबर लो ,
पर इन्हें कौन समझाये ये तो मोह माया है .
काश कोई Exam रिजल्ट का insurance करा देता ,
तो हर exam के पहले प्रीमियम भरवा देते ,
पास होते तो ठीक है ,
वरना insurance claim करवा लेते .
अगर एक अकेला टीचर सारे विषय (Subject) नहीं पढ़ा सकता तो”..
ऐसी उम्मीद क्यों करते हैं कि एक विद्यार्थी सारे विषय (Subject) पढ़े।
“जागो बच्चों जागो”
पप्पू का आज फ़ाइनल एग्जाम था,
पप्पू को पेपर में एक भी सवाल का जवाब नहीं आता था,
पप्पू नालायक खाली कॉपी ही छोड़ आया,
जब पप्पू रूम से निकला,
टीचर एकदम गुस्से में – क्यों बे नालायक,
कुछ करके भी आया है,
या ऐसे ही आ गया,
पप्पू – जी सर, ब्रेकफास्ट करके आया हूँ, और आप ? ?
टीचर बेहोश ?
बहुत दर्द होता है जब अध्यापिका बोलती है”…
कि तुम्हारा और तुम्हारे आगे वाले का जवाब एक है।
तब दिल से आवाज आती है,
“तो साला सवाल भी तो एक ही था”।
परीक्षा के बाद बच्चे और ऑपरेशन के बाद डॉक्टर एकही चीज़ कहते हैं,…….
“कुछ कह नहीं सकते, बस दुआ करें”।