Hindi Shayari
1.
मेरी ज़िन्दगी में ख़ुशी की वजह थे तुम,
मेरा सच्चा प्यार थे तुम,
कोई दिल्लगी नहीं थे तुम !
2.
तुझे महोब्बत कहा थी बस दिल्लगी थी,
वरना मेरे पल भर का बिछड़ना भी तेरे,
लिए क़यामत होता ।
3.
वोह तेरी होश ओ हवास मे बेरुखी अच्छी,
ना थी,
या फिर तेरी मुख़्तसर सी दिल्लगी अच्छी,
ना थी !
4.
ऐसा कोई पल नहीं जब मैंने तुम्हे याद,
न किया हो और ऐसा कोई पल नहीं जब तुमने,
मुझे याद किया हो हम तुम से प्यार करते रहे और,
तुम हमसे दिल्लगी करते रहे !
5.
तीर पे तीर खाए जा और यार से लौ लगाये जा,
आह न कर लबों को सी इश्क़ है दिल्लगी नहीं !
6.
तुम्हारे बाद जो होगी वो दिल्लगी होगी,
मोहब्बत वो थी जो तुम पे तमाम कर बैठे !
7.
तेरे होने से ही मेरे जीवन में बहार हो,
ये जीवन तो तेरा हे,
तेरे इलावा कोई ना इस दिल में,
फिर चाहे ये दिल पे तेरे नाम का,
ताला लग जाये !
8.
हमने भी बहुत दिल लगा कर देख लिया है,
चलो थोड़ी दिल्लगी भी कर ले,
जहां वफ़ा नहीं जीत सकी,
थोड़ी बेवफाई ही आज़मा ले!
9.
बे-ज़ार हो चुके हैं बहुत दिल्लगी से हम,
बस हो तो उम्र भर न मिलें अब किसी,
से हम!
10.
दिल्लगी नहीं ये मेरे मासूम प्यार की,
कल्पना है अगर मैं हर रोज़,
तुम्हारे साथ ही उठूं तो वो,
सुबह कितनी खूबसूरत होगी!
11.
कोई दिल की ख़ुशी के लिए,
तो कोई दिल्लगी के लिए,
हर कोई प्यार ढूंढ़ता है यहाँ,
अपनी तनहा सी ज़िन्दगी के लिए !
12.
दिल्लगी करते सभी है दिल लगाते है नही,
दर्दे-दिल की है दवा क्या ये बताते है नही !
13.
अगर कोई तुम्हारे लिए सब कुछ हो जाता,
है तो दूरीयां मायने नही रखती,
और उसको सच्चा प्यार किया,
जाता है दिल्लगी नही !
14.
दिल्लगी नाम रख दिया किसने,
दिल जलाने का जी से जाने का !
15.
मुझमे ईर्ष्या नहीं है और ना मैं दिल्लगी,
करता हूँ मैं बस तुम्हें खोने से डरता हूँ !
16.
ये मज़ा था दिल्लगी का कि,
बराबर आग लगती,
न तुम्हें क़रार होता,
न हमें क़रार होता !
17.
मोहोब्बत एक बार ही होती है,
तुम ने जो की वो दिल्लगी है,
जो बार बार होती है!
18.
कोई भी रिश्ता वायदे से नहीं बन सकता,
इसके लिए प्यार दृढ़ संकल्प और विश्वास चाहिए !
19.
तुझे हक दिया है मैंने मेरे साथ दिल्लगी,
का मेरे दिल से खेल जब तक तेरा दिल,
बहल ना जाए !
20.
दिल्लगी ही दिल्लगी में दिल गया,
दिल लगाने का नतीजा मिल गया !
21.
प्यार को इस बात से नहीं तोला जाता के,
आपने किसी के लिए कितनी,
प्रतीक्षा की बल्कि ये समझने में है,
के आप प्रतीक्षा क्यों कर रहे हैं !
22.
हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो,
में एक दिन अभी तो बहुत लोग हैं,
उनके पास दिल्लगी करने को !
23.
चाहत का दिल में नामो-निशाँ ना रहे,
या तो ख़त्म हो कशमकश तेरी या मेरी,
दिल्लगी का आशियाँ ना रहे !
24.
मैं तुमसे इतना प्यार करता हूँ जितने,
आकाश में तारे हैं और समुन्दर में,
मछलियां है !
25.
ना तोल मेरी मोहब्बत को,
अपनी दिल्लगी से,
देख कर मेरी चाहत को,
अक्सर तराजू भी टूट जाते हैं !
26.
मुख्तसर सी दिल्लगी से तो,
तेरी बेरुखी अच्छी थी,
कम से कम ज़िंदा तो थे,
एक कस्मकस के साथ !
27.
अगर किसी ने मुझसे पूछा कि मेरा,
भविष्य कैसा दिखता है,
तो मैं उन्हें आपको दिखाउंगी !
28.
ज़ख़्म झेले दाग़ भी खाए बहुत,
दिल लगा कर हम तो पछताए बहुत!
29.
दूरियां बढ जाए या फासले हो दरमियान,
धडकन थम जाए चाहे होठ हो बेजबान,
दिल्लगी रहेगी शादाब इश्क़ रहेगा नौजवान!
30.
मैं हमेशा ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो,
हमें एक पवित्र गाँठ में बाँध लें ताकि हम,
हर पल एक साथ बिताएँ।