डब्बे पर डब्बा, डब्बे का गाँव,
चलती फिरती बस्ती है, लोहे के पाँव |
उत्तर :- रेलगाड़ी
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एक थाल मोतियों से भरा सबके सर पर उलटा धरा चारों ओर फिरे वो थाल मोती उससे एक ना गिरे
ऐसी कौन सी चीज़ है जिसे आगे से तो बनाया हैं भगवान ने और पीछे से इंसान ने
दो सुन्दर लड़के दोनों एक रंग के एक बिछड़ जाए तो दुसरा काम ना आये
हरी डंडी लाल कमान तोबा तोबा करे इन्सान बताओ क्या
ऐसा एक अजब खजाना, जिसका मालिक बड़ा स्याना, दोनों हाथों से लुटाता
दुनिया भर की करता सैर, धरती पर ना रखता पैर , दिन मे सोता रात मे जगता
तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी, न भाड़ा न किराया दूँगी, घर के हर कमरे में रहूँगी
गर्मी में तुम मुझको खाते, मुझको पीना हरदम चाहते, मुझसे प्यार बहुत करते हो
मुझमें भार सदा ही रहता, जगह घेरना मुझको आता, हर वस्तु से गहरा रिश्ता
ऊपर से नीचे बहता हूँ, हर बर्तन को अपनाता हूँ, देखो मुझको गिरा न देना वरना कठिन हो जाएगा भरना
लोहा खींचू ऐसी ताकत है, पर रबड़ मुझे हराता है, खोई सूई मैं पा लेता हूँ, मेरा खेल निराला है
अगर नाक पे चढ़ जाऊ कान पकड़ कर तुम्हे पढ़ाउ बताओ क्या
प्यार करूँ तो घर चमका दूँ वार करूँ तो ले लूँ जान जंगल में मंगल कर दूँ कभी कर दूँ मैं शहर वीरान
कपड़े उतरवाएँ पंखा चलवाए कहती ठंडा पीने को अभी-अभी तो नहा के आया फिर से कहती नहाने को
जो जाकर न वापस आये जाता भी वह नजर न आये सारे जग में उसकी चर्चा वह तो अति बलवान कहाये
गर्मी में जिससे घबराते जाड़े में हम उसको खाते उससे है हर चीज चमकती दुनिया भी है खूब दमकती
धूप लगे पैदा हो जाये छाँह लगे मर जाये करे परिश्रम तो भी उपजे हवा लगे मर जाये
जन्म मे रहे पतली हरी डाल , हाथ रंगने के आती काम , हाथ मे पहले हरी लगती
सभी जानते मुझे पीना है खराब , फिर भी मेरे पीछे पड़े कई जनाब , धन शरीर का करती नाश
वह क्या है जिसका आना भी बुरा और जाना भी बुरा?
Aaj Hu toh Kal Nhi, Kal Vali nhi Parso, Phir Aungi Baad Mahine
Char aur Char Milkar Kab Aath Bante Hai
Pani hai par Bahar nhi, puch hai par Bandar Nhi
Teen Askhar Mera Naam, Pratham Kate Toh Ram Ram
Kala Ghoda Safed Savari, Ek Utre Dusre Ki Bari